चिरईगांव विकासखंड के रामचंदीपुर नखवां गांव में प्रतिबंधित प्रजातियों के हरे पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया। यहां सीसम, नीम और जामुन सहित करीब एक दर्जन बेशकीमती पेड़ दिनदहाड़े काटे गए।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई दिनों से गांव में पेड़ों की कटाई लगातार जारी है। उनका कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के कारण वन माफिया बेखौफ होकर तस्करी का कारोबार चला रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, इस अवैध गिरोह में चिरईगांव ब्लॉक के एक संविदाकर्मी की भी संलिप्तता बताई जा रही है।
वन विभाग लगातार क्षेत्र में गश्त का दावा करता है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर अवैध कटाई होना उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए क्षेत्रीय दरोगा अरविंद कुमार ने कहा, “मैं और वन रक्षक परमेश पाल लगातार क्षेत्र में गश्त करते हैं। ऐसे में पेड़ों की अवैध कटाई कैसे हो रही है, यह जांच का विषय है।”ग्रामीणों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि कीमती लकड़ी की तस्करी कर माफिया मोटा मुनाफा कमा रहे हैं और वन विभाग की निष्क्रियता उन्हें संरक्षण दे रही है।

